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भुजंगासन कैसे करें? भुजंगासन के फायदे, विधि और लाभ जानें

भुजंगासन कैसे करें? भुजंगासन के फायदे, विधि और लाभ: भुजंगासन, योग की दुनिया में एक महत्वपूर्ण और प्रमुख आसन माना जाता है.
भुजंगासन कैसे करें? भुजंगासन के फायदे, विधि और लाभ: भुजंगासन, योग की दुनिया में एक महत्वपूर्ण और प्रमुख आसन माना जाता है. यह आसन योग के प्रैक्टिसर्स के लिए सार्वजनिक रूप से लाभकारी है और इसके बहुत सारे स्वास्थ्य फायदे हैं. इस लेख में, हम भुजंगासन के महत्व, सही तरीका, और इसके फायदों के बारे में बात करेंगे.

भुजंगासन कैसे करें? भुजंगासन के फायदे, विधि और लाभ जानें

भुजंगासन क्या है?

भुजंगासन, जिसे अंग्रेजी में 'Cobra Pose' कहा जाता है, एक प्रसिद्ध पृष्ठबल के योगासन है. इस आसन में, योगी अपने पेट को फ्लोर पर रखते हुए अपने ऊपरी शरीर को ऊपर उठाते हैं, जिससे उनका शरीर एक सर्प की तरह फैलता है. इस योगासन को सही तरीके से करने के लिए आपके हाथ, कंधे, और पीठ की मजबूती की आवश्यकता होती है.

भुजंगासन के फायदे:

भुजंगासन (Cobra Pose) योग का एक प्रमुख आसन है जिसमें आप अपने ऊपरी शरीर को पेट की ओर उठाते हैं और इसके कई स्वास्थ्य और शारीरिक फायदे होते हैं:

  1. पीठ दर्द का इलाज: भुजंगासन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पीठ दर्द को कम करने में मदद करता है.
  2. बैक स्पाइन का सुधार: यह आसन आपकी बैक स्पाइन को सुधारने में मदद करता है, और सही पोस्चर को बनाए रखने में मदद करता है.
  3. पेट के आकार को सुधारने में मदद: भुजंगासन करने से पेट की मांसपेशियों को व्यायाम करने का मौका मिलता है जिससे पेट का आकार सुधार सकता है.
  4. हार्मोनल संतुलन: इस आसन का नियमित प्रैक्टिस हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकता है, जिससे अद्भुत स्वास्थ्य के लिए योगदान कर सकता है.
  5. स्ट्रेस कम करने में मदद: यह आसन मानसिक चिंता और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है और आपको शांति और सामंजस्य प्रदान कर सकता है.
  6. पाचन को सुधारने में मदद: भुजंगासन पाचन को सुधारने में मदद करता है और आपकी पाचन शक्ति को बढ़ावा देता है.
  7. रीलैक्सेशन: यह आसन आपके मानसिक तनाव को कम करके आपको शांति प्रदान कर सकता है और अच्छे नींद के लिए मदद कर सकता है.
  8. दिल के स्वास्थ्य: भुजंगासन छाती की मांसपेशियों को मजबूत करता है और दिल के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है.

ध्यान दें कि योग का नियमित प्रैक्टिस और सही तरीके से करना महत्वपूर्ण है। यदि आप नए योगी हैं, तो योग गुरु के मार्गदर्शन में आसन करना सबसे अच्छा होता है.

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भुजंगासन विधि और लाभ

भुजंगासन (Cobra Pose) योग का एक प्रमुख आसन है, जिसे निम्नलिखित विधि से किया जा सकता है:

स्थिति:

  1. एक योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं.
  2. पैरों को समय समय पर हिलाते रहें और पैरों के पंजे को फ्लोर पर दबाएं.

हाथों का स्थिति:

  1. हाथों को कंधों के नीचे रखें, अपनी पैल्म्स को फ्लोर पर दबाएं.
  2. अपने उंगलियों को आपस में छूने वाले बनाएं, अपने हौंठों को फ्लोर से थोड़ा दूर रखें.

आसन:

  1. सांस बाहर छोड़ते हुए, आपके हाथों की मदद से अपने ऊपरी शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं.
  2. आपकी छाती को फ्लोर से ऊपर उठाने के लिए केवल हाथों की मदद से अपनी शरीर को उच्च करें, पूरी तरह से बाहर नहीं उठाएं.
  3. ध्यान दें कि आपके पेट को फ्लोर पर लगाया जाए और पूरी कामयाबी के साथ यह आसन करने का प्रयास करें.
  4. इस स्थिति में कुछ समय ध्यान दें, सांस छोड़ने का प्रयास करें और शांति में बने रहें.
  5. धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ते हुए, अपने ऊपरी शरीर को नीचे करें और फिर से पेट के बल लेट जाएं.

यदि आप इस आसन को प्रारंभिक रूप में कर रहे हैं, तो आपको धीरे-धीरे अपने ऊपरी शरीर को ऊपर उठाने का प्रयास करना चाहिए और दर्द के बिना केवल जितना उच्च जा सके। योग गुरु के मार्गदर्शन में आसन करना सबसे अच्छा होता है, खासकर यदि आप नए योगी हैं.

कैसे करें भुजंगासन?

  1. पहले एक योग दरी या चट्टाई पर लेट जाएं.
  2. अपने पेट को फ्लोर पर रखें और पैरों को मिलाकर रखें.
  3. हाथों को कंधों के नीचे रखें और पैरों की ऊपरी भाग को फ्लोर पर दबाएं.
  4. अब सांस छोड़ते हुए, अपने हाथों की सहायता से अपने ऊपरी शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं.
  5. जब आपके हाथ पूरी तरह व्याप्त हो जाएं और आपका ऊपरी शरीर सीधे हो, तो कुछ समय के लिए इस स्थिति में ठहरें.
  6. धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ते हुए अपने ऊपरी शरीर को नीचे करें और फिर से आराम से लेट जाएं.

सुनिश्चित रहें कि आप इस आसन को धीरे-धीरे करते हैं और दर्द के बिना. यदि आपके पास पूर्वाग्रहण योग की अनुभव नहीं है, तो आप एक योग गुरु के मार्गदर्शन में इसे कर सकते हैं.

ध्यान दें कि इस योगासन को करते समय आपके पेट में ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए, और संवेदनशीलता के साथ करें. यदि आपके पास किसी प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो, तो आपको योग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद महत्वपूर्ण है.

भुजंगासन कितनी देर करना चाहिए?

भुजंगासन को नियमित रूप से करने का सुझाव योग गुरु या योग इंस्ट्रक्टर से मिलने वाले मार्गदर्शन पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर योग प्रैक्टिस में 15 सेकंड से लेकर 30 सेकंड तक भुजंगासन में बने रहना संख्या की प्रारूप होती है.

योग में स्थिरता और सुविधाजनकता महत्वपूर्ण होती है, इसलिए आपको अपने शरीर की सुनने की क्षमता के साथ काम करना चाहिए. ध्यानपूर्वक ब्रेथिंग के साथ भुजंगासन को करने से आप इसके लाभ को बढ़ा सकते हैं.

आपकी शारीरिक स्थिति, योग की अभ्यास की अनुभव स्तर, और आपकी सामर्थ्य के आधार पर आप धीरे-धीरे अपने समय को बढ़ा सकते हैं ताकि आप इस आसन को अच्छी तरह से कर सकें. ध्यान दें कि किसी भी योग आसन को करते समय आपको दर्द या असहमति की संकेत मिलती है तो तुरंत वह आसन छोड़ दें और एक पेशेवर को सलाह लें.

भुजंगासन की सावधानियां:

भुजंगासन योग आसन है, जिसे सावधानी से किया जाना चाहिए, ताकि चोट और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके. निम्नलिखित सावधानियां भुजंगासन को करते समय ध्यान में रखनी चाहिए:

  1. गर्दन की सुरक्षा: यदि आपके पास गर्दन से संबंधित समस्याएँ हैं, तो आपको इस आसन को करते समय गर्दन को ज्यादा आगे नहीं करना चाहिए.
  2. पीठ या बैक दर्द: यदि आपको पीठ या बैक दर्द होता है, तो भुजंगासन को करने से पहले एक योग इंस्ट्रक्टर की सलाह लें और दर्द के अनुसार आसन को अनुकूलित करें.
  3. गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान भुजंगासन को नहीं करना चाहिए.
  4. दिल की समस्याएँ: यदि आपको दिल की समस्याएँ हैं, तो भुजंगासन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
  5. हार्मोनल संतुलन: यदि आपके पास किसी प्रकार का हार्मोनल असंतुलन है, तो योग गुरु की मार्गदर्शन में भुजंगासन को करें.
  6. दिलासा: योग के किसी भी आसन को करते समय, आपको अपने शरीर की सुनने की क्षमता रखनी चाहिए और दर्द के संकेत पर ध्यान देना चाहिए. यदि कोई दर्द या असुख होता है, तो आपको तुरंत आसन छोड़ देना चाहिए.
  7. ध्यानपूर्वक ब्रेथिंग: योग आसन के साथ ध्यानपूर्वक ब्रेथिंग करना महत्वपूर्ण होता है. सही तरीके से सांस लें और ध्यान दें कि आपकी श्वास की गति आसन के साथ मेल खाती है.
  8. नियमितता: योग को नियमित रूप से करें और धीरे-धीरे अपने प्रैक्टिस को बढ़ाएं, लेकिन ध्यान दें कि आपकी सीमाएँ और समर्थ्य का पालन करें.

भुजंगासन के नुकसान:

भुजंगासन (Cobra Pose) योग का एक प्रमुख आसन है, जो स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है, लेकिन इसे गलत तरीके से करने पर कुछ नुकसान हो सकते हैं. नुकसान से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  1. गर्दन और सीधी पीठ की चोट: अगर आप गर्दन को ज्यादा पीछे झुकाते हैं और सीधी पीठ को ज्यादा बाहर करते हैं, तो यह चोट लगने के खतरे को बढ़ा सकता है. सही तरीके से आसन करें और दर्द के संकेत का ध्यान दें.
  2. बीमारियों के साथ सावधानी: अगर आपको किसी गर्दन या पीठ से संबंधित रोग है, तो आपको योग इंस्ट्रक्टर की सलाह लेनी चाहिए और उनके मार्गदर्शन में आसन करना चाहिए.
  3. गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान भुजंगासन को नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें पेट में दबाव बढ़ सकता है.
  4. हार्मोनल संतुलन: हार्मोनल संतुलन से जुड़ी समस्याएँ होने पर भी सावधानी बरतें, क्योंकि इस आसन को गलत तरीके से करने से नुकसान हो सकता है.
  5. दिल की समस्याएँ: दिल से संबंधित समस्याओं होने पर डॉक्टर से सलाह लें और उनके मार्गदर्शन में ही योग करें.
  6. संवेदनशीलता: योग के किसी भी आसन को करते समय अपने शरीर की सुनने की क्षमता रखें और दर्द के संकेत पर ध्यान दें. यदि कोई दर्द या असुख होता है, तो तुरंत आसन छोड़ दें.

सावधानी बरतते हुए, भुजंगासन को सुरक्षित रूप से किया जा सकता है और इसके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं. यदि आप नए योगी हैं, तो योग इंस्ट्रक्टर के मार्गदर्शन में आसन करना सबसे अच्छा होता है.

इस तरह से, भुजंगासन को सही तरीके से प्रैक्टिस करके आप अपने शरीर को मजबूत बना सकते हैं और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं. योग की नियमित प्रैक्टिस से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही में सुधार हो सकता है.