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भद्रासन योग कैसे करें, भद्रासन की विधि और लाभ जाने (Bhadrasan ki vidhi aur labh)

भद्रासन योग कैसे करें, भद्रासन की विधि और लाभ जाने (Bhadrasan ki vidhi aur labh)

Bhadrasan ki vidhi aur labh

तेजी से बढ़ रहा शहरी जीवन और खराब लाइफस्टाइल के कारण लोग गंभीर बीमारियों के शिकार बन रहे हैं. ऐसे में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मेडिटेशन और योगासन अत्यंत महत्वपूर्ण हो चुके हैं. योग विज्ञान में योगासन के अनगिनत फायदे बताए हैं जो वास्तविक रूप से समय के साथ दिखाई देते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको भद्रासन योग के बारे में बताएंगे.

भद्रासन का मतलब होता है अनुकूल स्थिति में बैठना, भद्र यानी अनुकूल या सुंदर होता है. यह एक संस्कृत शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है एक है. ‘भद्र’ जिसका मतलब है “भला इंसान” यानी शानदार. दूसरा है ‘आसन’ जिसका मतलब होता है ‘अनुकूल स्थिति में बैठना सोना या लेटना’. भद्रासन योग लंबे समय तक ध्यान यानी मेडिटेशन करने के लिए अनुकूल है. भद्रासन करने से शरीर निरोगी और स्वस्थ रहता है, इसीलिए इस आसन को भद्रासन कहा जाता है इंग्लिश भाषा में भद्रासन को ग्रेसियोस पोज भी बोला जाता हैं.

नियमित रूप से भद्रासन करने से शरीर को इसके अनेक को फायदे होते हैं. वैसे तो भद्रासन करने के बहुत सारे तरीके हैं लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको भद्रासन करने का बहुत ही सरल और आसान तरीका बताएंगे. भद्रासन योग कैसे करें, भद्रासन की विधि और लाभ जाने के बारे में विस्तार से समझने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े.

भद्रासन योग कैसे करें (भद्रासन की विधि)

  1. घुटनों के बाल वज्रासन की स्थिति में बैठ जाए घुटनों को जितना हो सके दूर-दूर कर ले.
  2. पैरों की उंगलियों का आगे का भाग जमीन के संपर्क में होना चाहिए.
  3. पैरों को एक दूसरे से थोड़ा अलग कर ले, ताकि नितंब और बाकी के शरीर को पैरों की एड़ियों पर टिकाया जा सके.
  4. आगे की तरफ घुटनों के बीच थोड़ी ज्यादा जगह बनाने की कोशिश करें, लेकिन ऐसा करने के लिए ज्यादा जोर ना लगाएं.
  5. अब हथेलियों को दोनों घुटनों पर रखें, उंगलियां नीचे की तरफ होनी चाहिए
  6. इतना करने के बाद जब शरीर आराम की स्थिति में आ जाए तब अपनी आंखों की दृष्टि को नाक के आगे के भाग पर टिकाने की कोशिश करें.
  7. ऐसा करने के बाद जब आंखों में थकान महसूस हो तब उन्हें कुछ समय के लिए बंद कर ले और आराम प्राप्त करें.
  8. जब थोड़ा रिलैक्स महसूस हो तो आंखों को धीरे धीरे खोलें और इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं.
  9. इसी प्रकार से आपको 10 मिनट तक भद्रासन योग करना है. उपरोक्त बताई गई प्रक्रिया को 10 मिनट तक दोहराते रहना है.

भद्रासन कब करना चाहिए?

  1. भद्रासन योग सुबह के समय ही किया जाना चाहिए.
  2. अगर कोई शाम को भी भद्रासन करता है तो खाने से 4–5 घंटे पहले यह आसान करना चाहिए.
  3. भद्रासन करने से पहले शौच क्रिया कर लेनी चाहिए ताकि पेट खाली रहे.

भद्रासन से क्या फायदा है? (भद्रासन की विधि और लाभ)

वैसे तो भद्रासन योग करने के अनगिनत फायदे हैं लेकिन कुछ ऐसे फायदे हैं जो वाकई में हमारे जीवन को बदल देते हैं भद्रासन नियमित रूप से करने से निम्नलिखित फायदे होते हैं.
  1. शरीर में रक्त संचार की वृद्धि होती है और रक्त संचार का संतुलन बना रहता है.
  2. पाचन तंत्र और किडनी को एक्टिवेट करता है
  3. जठर और अन्य पेट के आंतरिक अंगों को भी सक्रिय करता है.
  4. नियमित रूप से करने से टेंशन और थकान दूर होती है.
  5. पैर घुटने और जांघों की फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है, जिससे घुटनों का दर्द और अन्य मांसपेशियों का दर्द खत्म होता है.
  6. रीड की हड्डी और शरीर को एकदम स्ट्रेट रहने में मदद करता है.
  7. कमर और पीठ के सबंधित दर्द में राहत मिलती है.
  8. जानलेवा बीमारी जैसे अस्थमा, अर्थराइटिस और हाई ब्लड प्रेशर में कंट्रोल आता है.
  9. नियमित रूप से भद्रासन करने से कोई असाध्य बीमारियों से छुटकारा मिलता सकता है.

भद्रासन की सावधानियां क्या हैं? (भद्रासन किसे नहीं करना चाहिए?)

भद्रासन करने से पहले निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए.
  1. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को भद्रासन योग करने का प्रयास नहीं करना चाहिए.
  2. डायरिया ग्रस्त मरीजों को भद्रासन करने से परहेज करना चाहिए.
  3. घुटनों का दर्द या अर्थराइटिस जैसी बीमारी होने पर भद्रासन ना करें.
  4. अगर गर्दन या कंधों से संबंधित दर्द या बीमारी है तो इस आसन में गर्दन को मोड़े नहीं और सामने देखकर आसन करें.
  5. असुविधा होने पर तुरंत आसन करना छोड़ दें और नियमित स्थिति में आ जाए.
  6. भद्रासन करते वक्त घुटनों पर अधिक जोर ना लगाएं
  7. भद्रासन करते वक्त दर्द और सुविधा महसूस होने पर आसन करना बंद कर दे
  8. भद्रासन करते समय अगर संतुलन नहीं बन रहा है तो योग ट्रेनर की मदद जरूर ले.
  9. शरीर का योग्य संतुलन बनने के बाद योग ट्रेनर के बिना आप अपने से भी यह योग आसानी से कर पाएंगे.

निष्कर्ष

भद्रासन योग विज्ञान का सबसे आसान और उपयोगी आसान है. नियमित रूप से भद्रासन करने से शरीर को आराम मिलता है और थकान दूर होती है नियमित रूप से करने से स्टूडेंट पढ़ाई में अपना फोकस बढ़ा सकते हैं और जॉब कर रहे हैं लोगों को भद्रासन से मेडिटेशन करने के बाद पूरा दिन रिलैक्स फील होता है. सभी को नियमित रूप से भद्रासन योग जरूर करना चाहिए क्योंकि एक स्वस्थ शरीर ही स्वस्थ जिंदगी की निशानी है. योगासन और स्वास्थ्य के बारे में जरूरी जानकारी पाने के लिए हमारी वेबसाइट की मुलाकात लेते रहे.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न: भद्रासन का मतलब क्या होता है?

उत्तर: भद्रासन दो शब्दों से बना है, आसन शब्द मतलब होता है अनुकूल स्थिति में बैठना. भद्र का मतलब अनुकूल या सुंदर होता है. इस तरह भद्रासन का मतलब अनुकूल स्थिति में बैठना होता है.

प्रश्न: भद्रासन कितनी देर तक करना चाहिए?

उत्तर: भद्रासन सामान्य रूप से 5 से 10 मिनट तक करना चाहिए. आंखों की दृष्टि को नाक के आगे के भाग पर दिखाएं रखना चाहिए और इस प्रक्रिया को 5 से 10 मिनट तक दोहराना चाहिए.

प्रश्न: भद्रासन किसे नहीं करना चाहिए?

उत्तर: घुटनों के संबंध दर्द, जोड़ों के संबंध दर्द, हाई ब्लड प्रेशर और किसी भी प्रकार की सर्जरी किए हुए दर्दी को भद्रासन नहीं करना चाहिए.

प्रश्न: भद्रासन कब करना है?

उत्तर: भद्रासन सुबह के टाइम शौच क्रिया करने के बाद खाली पेट करना चाहिए. अगर शाम को भद्रासन करना चाहते है तो खाने से 4–5 घंटे पहले भद्रासन करना चाहिए.

प्रश्न: भद्रासन से क्या फायदा है?

उत्तर: नियमित रूप से भद्रासन करने से थकान दूर होती है और रिलैक्स महसूस होता है. किडनी और घुटनों के संबंधित बीमारियों में आराम मिलता है और शरीर में रक्त संचार में वृद्धि होती है.

प्रश्न: भद्रासन कैसे किया जाता है?

उत्तर: भद्रासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की स्थिति में बैठ जाए पैरों की उंगलियों को जमीन पर स्पर्श करवा और पूरे शरीर को पैरों की एड़ियों पर संतुलित करें. अब अपनी आंखों की दृष्टि को नाक के आगे के भाग पर टिकाएं और यह प्रक्रिया 10 मिनट तक दोहराते रहे.